अलविदा 2018 : फसलों की तरह तैयार किया ‘जीएम बच्चा’
1 min readनवंबर माह में चीन में दो ऐसे शिशुओं का जन्म हुआ, जिनके जीन में बदलाव किया गया था। चीन के वैज्ञानिक जियानकुई ने दावा किया उन्होंने जुड़वां बच्चियों के डीएनए को एक नए प्रभावशाली तरीके से बदलने में सफलता हासिल की है। जियानकुई ने कहा कि उन्होंने सात दंपतियों के बांझपन के उपचार के दौरान भ्रूणों को बदला जिसमें अभी तक एक मामले में संतान के जन्म लेने में यह परिणाम सामने आया। हालांकि इस कदम की चिकित्सा जगत के कई लोगों ने आलोचना भी की। कई वैज्ञानिक सोचते हैं कि इस तरह का प्रयोग अनैतिक और असुरक्षित है।
दुनिया में पहली बार मृत महिला के गर्भाशय से बच्चे पैदा करने में सफलता का साक्षी भी यही साल बना। साओ पाउलो यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों ने एक मृत महिला के गर्भाशय का प्रत्यारोपण एक जीवित महिला के शरीर में किया। प्रत्यारोपण सफल रहा और महिला ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। साल 2013 में जीवित महिला के गर्भाशय से सफल प्रत्यारोपण पहली बार 2013 में स्वीडन में किया गया। तब से दुनिया भर में 10 ऐसे सफल प्रत्यारोपण किए जा चुके हैं। लेकिन मृत महिला के गर्भाशय को निकालकर पहली बार प्रत्यारोपित किया गया।
साल 2018 में हमें भविष्य के स्मार्टफोन की झलक भी देखने को मिली। सैमसंग ने दिवाली से पहले किताब की तरह मुड़ने वाले फोन की झलक पेश की। सैन फ्रांसिस्को में आयोजित ‘सैमसंग डेवलपर्स कॉन्फ्रेंस’ में इसकी जानकारी दी गई। इस फोन को स्मार्टफोन और टेबलेट दोनों तरह से इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसकी स्क्रीन 7.3 इंच है और मुड़ने पर इसकी स्क्रीन 4 इंच की रह जाएगी। हालांकि यह 2019 में ही लॉन्च होगा। इसके अलावा वीवो कंपनी ने डुअल डिस्प्ले वाला फोन लॉन्च कर दिया। इस स्मार्टफोन के आगे-पीछे स्क्रीन है।
दुनिया को ब्रह्मांड का रहस्य बताने वाले महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग इस साल हमेशा के लिए हमें अलविदा कह गए। 76 वर्ष की उम्र में 14 मार्च को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। व्हीलचेयर पर रहने वाले हॉकिंग मोटर न्यूरोन नामक लाइलाज बीमारी से ग्रस्त थे। हॉकिंग 1963 में मोटर न्यूरॉन बीमारी के शिकार हुए और डॉक्टरों ने कहा कि उनके जीवन के सिर्फ दो साल बचे हैं। इसके बावजूद वह पढ़ने के लिए कैम्ब्रिज चले गए और एल्बर्ट आइंस्टिन के बाद दुनिया के सबसे महान सैद्धांतिक भौतिकीविद बने। उन पर 2014 में ‘थ्योरी ऑफ एवरीथिंग’ फिल्म भी बनी है।
अमेरिकी एजेंसी नासा का अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में नए कीर्तिमान रचने का सफर इस साल भी जारी रहा। मंगल के राज खोलने के साथ नासा का विशेष यान सूरज के नजदीक तक पहुंच गया। इस खास मुहिम के लिए अगस्त माह में नासा ने ‘पार्कर सोलर प्रोब’ को लॉन्च किया, जिसने दिसंबर में सूरज की सबसे नजदीकी तस्वीर खींची। सूरज की सतह से 2.7 करोड़ किलोमीटर दूर से यह तस्वीर खींची गई। सात साल में यह सूरज के 24 चक्कर लगाएगा। इससे पहले 27 नवंबर को नासा का इनसाइड लैंडर मंगल ग्रह की सतह पर उतरा।