May 19, 2024

ज्ञानमती माताजी का हस्तिनापुर से अयोध्या की ओर हुआ मंगलविहार।

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हस्तिनापुर-जम्बूद्वीप रचना की पावन प्रेरिका भारतगौरव गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी का ससंघ शाश्वत तीर्थ अयोध्या की ओर मंगल विहार हुआ। जैन साधु चार महिने चातुर्मास के काल में एक स्थान पर ही प्रवास करते हैं। उसके पश्चात् उनका निरंतर विहार होता रहता है गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी जैन समाज की धरोहर हैं। जिन्होंने हस्तिनापुर, मांगीतुंगी, अयोध्या, कुण्डलपुर, सम्मेदशिखर, काकंदी, प्रयाग आदि अनेक तीर्थों के विकास की प्रेरणा समाज को प्रदान की। विश्व के क्षितिज पर आज हस्तिनापुर की पहचान जम्बूद्वीप से की जाती है। ऐसे पावन तीर्थ से आज प्रातःकाल 11 बजे जम्बूद्वीप स्थल के सभी मंदिरों के दर्शन करते हुए, कैलाश पर्वत रचना, प्राचीन मंदिर का दर्शन करते हुए पूज्य ज्ञानमती माताजी का शाश्वत तीर्थ अयोध्या की ओर मंगल विहार हो गया। सर्वप्रथम जम्बूद्वीप से विहार करके सिविल लाईन हस्तिनापुर स्थित श्री मनोज कुमार जैन के निवास स्थान पर कुछ देर विश्राम करने के पश्चात् मवाना के लिए मंगल विहार किया।
पूज्य माताजी ने अपने प्रस्थान से पूर्व सभी को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि हस्तिनापुर तीर्थ तीर्थंकर शांति-कुन्थ-अरहनाथ की जन्मभूमि है। जिसका विकास सतत् चलता रहेगा एवं सभी को जुड़करके तीर्थ के विकास में अपने शक्ति को सदैव लगाये रखना है एवं सभी कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों के लिए हमारा मंगल आशीर्वाद है। इस तीर्थ को दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति प्राप्त हो। आने वाले समस्त अतिथियों का स्वागत संस्थान के अध्यक्ष पीठाधीश स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी के भाषण के द्वारा किया गया। इसी क्रम में प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चंदनामती माताजी ने सभी भक्तों को अयोध्या तीर्थ विकास की प्रेरणा प्रदान की। पूज्य माताजी हस्तिनापुर-मवाना-किला-किठोर-गजरोला मुरादाबाद-बरेली-शाहजहॉंपुर-सीतापुर होते हुए लगभग 45 दिनों में अयोध्या तीर्थ पर पहुॅंचेगीं। चूंकि जैन साधु पदयात्रा करते हैं इसलिए 10 से 15 कि.मी. की यात्रा प्रतिदिन करते हैं। पूज्य माताजी की आयु वर्तमान में 89 वर्ष की है।
संस्थान के मंत्री विजय कुमार ने बताया कि संघ को अयोध्या ले जाने का सौभाग्य सुभाषचंद शुभचंद सुयश जैन, टिकैतनगर लखनऊ निवासी को प्राप्त हुआ। सुभाषचंद जैन ने पूज्य माताजी के समक्ष श्रीफल चढ़ाकर अयोध्या तीर्थ के विहार का संकल्प लिया। इस अवसर मुख्यरूप से जम्बूप्रसाद जैन, गाजियाबाद, जे.सी. जैन-हरिद्वार, विजय कुमार जैन डॉ. जीवनप्रकाश जैन आदि अनेक स्थानों से महामंगल विहार में श्रद्धालुगण उपस्थित रहे।

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