अपने मित्र कृष्ण से मिलने पहुंचे सुदामा अनूप ठाकुर महाराज
1 min read,जिला हरदोई के ग्राम रामापुर छैया में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम दिवस पर कथा व्यास अनूप ठाकुर महाराज ने बताया कि अपनी प्रिय पत्नी सुशीला के कहने पर श्रीकृष्ण के परम भक्त सुदामा जी भगवान कृष्ण से मिलने के लिए लिए जातें हैं द्वारपालों ने देखा तो अचम्भे पड़ गये और जाकर भगवान को बताते हैं द्वारे पर एक दुर्बल दीन गरीब ब्राह्मण खड़ा हुआ है और अपना नाम सुदामा बता रहा है जैसे ही सुदामा ब्राम्हण का नाम सुनते हैं भगवान नंगें पैरों दौड़ पड़ते हैं और वे जाकर सुदामा को सीने से लगा लेंते हैं और सिंहासन पर बैठा कर परात के पानी को छू नहीं पातें हैं कि आंखों से इतने आंशू गिरते हैं कि आंशू से दोनों पैर धुल जातें हैं और भगवान सुदामा जी को सुंदर सुंदर वस्त्र धारण करवातें हैं और छप्पन प्रकार के भोजन से भोग लगाते हैं कुछ दिन तक सुदामा जी वहां रहतें हैं फिर भगवान से सुदामा जी इजाजत मांगकर जानें लगे तो कन्हैया जी ने कुछ दिया नहीं और मुठ्ठी बांधकर विदा करनें को चल देते हैं तो सुदामा जी ने सोचा कुछ मुठ्ठी में ही होंगा और प्रभु जब बाहर पहुंचे तो हांथ खोलकर कहने लगें इधर से चलें जाओं खुली मुठ्ठी देखकर सुदामा जी को क्रोध आ गया और सुदामा जी कहते प्रभु आपने जैसा मुझे दियावैसे ही आप पाओगे असंतोषी ब्राम्हण ने जो भी पाया था पुनः वापस कर दिया इधर भगवान ने विश्वकर्मा को भेजकर सुंदर सी सुदामापुरी का निर्माण करवाया सुदामा जी वापस आतें हैं तो अपनी झोपड़ी ना देखकर अचम्भे में पड़ जातें हैं सुशीला जी उनको याद दिलाती हैं इस प्रसंग के साथ साथ सुभद्रा हरण और भगवान का गोलोक गमन एवं उध्व गोपी संवाद वपरीक्षित मोक्ष एवं शुकदेव जी की विदाई का प्रसंग सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया आयोजक भूपेंद्र सिंह ठाकुर नीरज सिंह आलोक मिश्रा सुधाकर वाजपेई बालस्टर समेत बड़ी संख्या में भक्त विराजमान रहें
बहुत सुंदर
*उन्नाव ब्रेकिंग ख़बर*
मियागंज ब्लाक क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम कनी गांव में प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को कोटेदार और मास्टरों की मिलीभगत से गुना हुआ राशन जो कि खाने योग्य नहीं है वितरण किया गया। जब घटिया राशन बांटने की सूचना मिलने पर पहुंची पावर ऑफ जनाधिकार न्यूज़ की टीम ने जब वही के टीचर राकेश से बात की तो वह आग बबूला होकर बोलने लगे कि क्या मैं अपने घर से राशन दे दूं जो आया है वही तो मैं दूंगा और बच्चे भी मास्टर के डर से चुपचाप बेकार राशन लेकर के निराश होकर अपने घर चले जाते हैं उन बच्चों को ऐसा लगता है कि अगर यह राशन खाएंगे तो बिमार पड़ जायेंगे क्या इन गरीब बच्चों को ऐसा ही खाना पड़ेगा घटिया राशन जिम्मेदार खुलेआम सरकार की धज्जियां उड़ा रहे हैं जब प्रधान को गरीब बच्चों के निराश चेहरा देखा नहीं गया तब ग्राम प्रधान के मना करने पर भी घटिया राशन बटता रहा ।
एक तरफ कोरोना महामारी दूसरी तरफ बच्चों को खाना पढ़ रहा है घटिया राशन।
*क्राइम रिपोर्टर हिमांशु सिंह की रिपोर्ट*
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